Febrile Seizures

Your child has reacted strongly to a fever by having a seizure. While these seizures can frighten parents, they usually will not harm your child. This information explains what to do if your child has a febrile seizure. 

दौरा क्या होता है ?

हमारा मस्तिष्क छोटी छोटी कोशिकाओं से बना होता है, जिन्हें तंत्रिकाएं कहते हैं । इन्हीं तंत्रिकाओं के अत्यधिक उत्तेजित होने से दौरे आते हैं ।

सामान्य भाषा में इसे फिट, तान, दौरा, झटका खेंच या चमकी कह्ते हैं । इसके कई प्रकार हो सकते हैं जैसे :

  • पूरे शरीर या शरीर के किसी हिस्से में रहरह कर खिंचाव होना  
  • आंखे या चेहरे का एक तरफ हो जाना । 
  • कुछ समय के लिए बेहोशी आ जाना । 
  • असामान्य संवेदना या अनुभूति, जैसे डर लगना, कुछ दिखाई या सुनाई देना 
  • एकटक देखना या अपने में गुम हो जाना । 

बुखार में आने वाले दौरे क्या होते है ?

बुखार में होने वाले दौरे ( फिट ) बच्चों की एक आम समस्या है । बुखार की कोई भी वज़ह हो सकती है । 

6 माह से 6 साल की उम्र में 100 बच्चों में 5 बच्चों को बुखार में दौरा पड़ने की रिस्क रहती है । 

इसकी शायद एक वज़ह, बच्चों का दिमाग अविकसित होना है, इसलिए उस पर बुखार का आसामान्य प्रभाव पड़ता है । 

कई बार यह समस्या आनुवंशिक भी होती है। ( पीढ़ियों और परिवार के अन्य सदस्यों में भी इस बीमारी का होना )

फिट के दौरान आपका बच्चा अकड़ जाता है या ढ़ीला पड़ सकता है । कई बार वह बेहोश हो जाते हैं, आसपास की घटनाओं का ध्यान नहीं रहता है और हाथ पैरों में झटके महसूस होते हैं ।

जिन बच्चों को पहला दौरा कम उम्र में ( 15 माह से कम ) पड़ जाता है या परिवार के किसी सदस्य में ऐसी ही शिकायत है, उन्हें बारबार दौरे पड़ सकते हैं । 

बच्चे को दौरा पड़ने पर क्या करें ?

घबरायें नहीं। शांत रहें। बच्चे के साथ रहें।
डॉक्टर आपसे हमेशा यह पूछतें हैं कि दौरा कितनी देर तक चला? हो सके तो दौरे के शुरू होने और ख़त्म होने का समय नोट करें।
बच्चे को एक तरफ़ करवट करके लिटाएं। बच्चे के कपड़े ढ़ीले कर दें। 
बच्चे के सिर के नीचे मुलायम कपड़ा रखे, जिससे सिर फर्श से ना टकराए।  
बच्चे को पकड़ने या दौरे को रोकने की कोशिश नहीं करें। 
बच्चे के मुँह में कुछ नहीं डालें। बच्चे के मुँह और नाक से आने वाला पानी और झाग साफ़ करें। 
बच्चे को सुरक्षित जगह पर लिटाएं। आग, फर्नीचर के तीखे कोनों, धारदार चीज़ों से दुर रखें। अगर बच्चाचश्मा लगाता है तो उतार दें।

अधिकतर दौरे 5 मिनट से कम समय में ही अपने आप रुक जाते हैं। कई बार असामान्य स्थिति में यह समय लम्बा भी हो जाता है। अगर दौरा 5  मिनट से ऊपर हो तो दौरा कंट्रोल करने के लिये मिडाज़ोलम नेज़ल स्प्रे का इस्तेमाल करें।

हर स्थिति में अपने डॉक्टर के पास तुरंत ले जाएँ। डॉक्टर देखने के बाद ही बता सकते हैं कि बच्चे को कोई गंभीर समस्या तो नहीं है और बच्चे को अस्पताल में भर्ती करने की जरुरत है या नहीं।

कई बार दौरा रुकने के तुरंत बाद बच्चा सुस्त हो जाता है और सोना चाहता है। जब तक आपका बच्चा सामान्य नहीं लगने लगे, तब तक उसे पानी, खाना, या मुंह से दी जाने वाली दवाईयाँ नहीं दें।   

नाक से मिडाज़ोलम स्प्रे देने का तरीका 

बच्चे को चित्र के अनुसार किसी एक करवट में  लिटाएं। 

मिडाज़ोलम स्प्रे के नोज़ल को हल्के से किसी एक नासिका छिद्र के अंदर डालें। 

बोतल की नोज़ल को नीचे की तरफ दबाएं, इससे दवा छिद्र के अंदर जाती है। 

अपने चिकित्सक की सलाह के अनुसार निर्दिस्ट संख्या में स्प्रे करें । 

शिशु को अस्पताल में कब भर्ती करवायें ? 

  • दौरे के बाद बच्चा सामान्य अवस्था में नहीं आये। 
  • दौरा असामान्य ( 15  मिनट से ज्यादा, शरीर के एक हिस्से में या 24 घंटे में 1 से अधिक बार ) हो। 
  • माँबाप बच्चे को अस्पताल में रखना चाह रहे हो। 

क्या इस बीमारी में जाँच करवाना जरुरी है ?

बुखार में आने वाले दौरों में सामान्यतया जाँच नहीं की जाती है। 

  • आवश्यकता अनुसार बुखार का कारण जानने के लिए खून पेशाब की जाँचे की जाती है। 
  • अगर बच्चा 18 माह से छोटा है और दिमागी संक्रमण की सम्भावना है तो डॉक्टर रीढ़ की हड्डी से पानी ( CSF ) की जाँच की सलाह देते हैं क्योंकि छोटे बच्चे की शारीरिक जाँच से दिमागी संक्रमण का पता चलना मुश्किल होता है। 
  • कभी कभी जरूरत के हिसाब से सी. टी. स्कैन / एम. आर. आई. / . . जी. करने की सलाह भी दी जाती है। 

न्यूरोलॉजिस्ट को कब दिखाएँ ?

  • बुखार में बच्चे को दौरे पड़ना एक सामान्य समस्या है। अधिकतर बच्चे 6 साल की उम्र के बाद ठीक हो जाते हैं। सामान्य दौरों से बच्चे के विकास पर भी फर्क नहीं पड़ता । 
  • कुछ विशेष परिस्थितियों में अपने शिशु रोग विशेषज्ञ की सलाह से न्यूरोलॉजिस्ट की सलाह भी जरुरी होती है। जैसे दौरे असामान्य प्रकार के हों, दौरे बारबार पड़ रहे हो, बच्चे को पहले से कोई दिमागी बीमारी हो या विकास धीमा हो।

क्या बच्चे को बुखार आने पर दौरा दुबारा आ सकता है ?

हाँ , यह संभव है।  पहले दौरे के बाद दूसरा दौरा आने की सम्भावना लगभग 30 % होती है। बुखार में दुबारा दौरा पड़ने की सम्भावना कई बातों पर निर्भर करती है। जैसे –

  • पहली बार दौरा किस उम्र में पड़ा ?
  • दौरे के समय बुखार कितना तेज़ था ? 
  • बुखार शुरू होने के कितने घंटे बाद दौरा पड़ा ?
  • क्या परिवार में किसी और को भी  बुखार में दौरा पड़ा था या मिर्गी की बीमारी है ?
  • बुखार में दौरा किस प्रकार का था ?

बच्चे की उम्र 6 वर्ष होने के बाद दौरा आने की सम्भावना लगभग न के बराबर हो जाती है।

क्या बच्चे को भविष्य में मिरगी की बीमारी हो सकती है ?  

बुखार के सामान्य दौरे के बाद 100 में से केवल 1 – 2 बच्चों को ही मिरगी की शिकायत हो सकती है। निम्न स्थितियों में यह सम्भावना सामान्य से ज्यादा ( 4    33 %) हो सकती है 

  • अगर बुखार के दौरे बारबार पड़ रहे हों। 
  • दौरा  बुखार शुरू होने के 1 घंटे के भीतर  पड़ा हो। 
  • परिवार में मिरगी की शिकायत हो। 
  • बच्चे में पहले से कोई दिमागी बीमारी हो। 
  • दौरे असामान्य हों – ( 15  मिनट से ज्यादा, शरीर के एक हिस्से में या 24 घंटे में 1 से अधिक बार )

बुखार में आने वाले दौरे की रोकथाम के लिए क्या करें ? 

बुखार के लिए डॉक्टर द्वारा बताई गई दवा की सही मात्र दें। बुखार नापें व लिखे । यह दवा बच्चे को बुखार से होने वाली तकलीफ कम करती है। याद रखेंयह दवा दौरे को नहीं रोकती है।

कुछ दवाइयाँ बुखार से होने वाले दौरों को रोकने के लिए भी दी जाती है। इन दवाइयों का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह के अनुसार ही करें। 

बच्चों के टीके क्यों जरुरी है ?

इन बच्चों को जहाँ तक संभव हो बुखार नहीं आने दें। 
बुखार से कैसे बचें, इसके लिए अपने शिशु रोग विशेषज्ञ से सलाह लें।  
बहुत सी बीमारियों का ,जिनसे बुखार आता है, टीकों से बचाव संभव है। सभी टीको के साथ साथ हर साल इन बच्चों को इन्फ्लुएंजा ( फ्लू ) का टीका भी जरूर दिलवायें। 
कुछ बच्चों को टीकों के बाद दौरे पड़ जाते हैं। ऐसा टीकों की वजह से नहीं होता। इन बच्चों में द्रवेट सिंड्रोम ( Dravet Syndrome) की सम्भावना होती है। इसमें न्यूरोलॉजिस्ट की सलाह जरुरी होती है।  

खून की कमी का बुखार के दौरों से क्या संबंध है ?

बच्चों में दिमाग का विकास मुख्यतया गर्भावस्था व जन्म के बाद पहले 3 साल में होता है। मस्तिष्क के विकास में आयरन की भूमिका काफ़ी महत्वपूर्ण होती है। आयरन दिमाग में माइलेशन के लिये जरुरी होता है।  

अधिकतर शिशुओं में जन्म के वक्त आयरन की मात्रा प्रयाप्त होती है। यह मात्रा बहुत कुछ माँ के स्वास्थ्य, गर्भावस्था की अवधि, स्तनपान और जन्म के तुरंत बाद की परिस्थितियों पर निर्भर करती है। 

समय पूर्व जन्में बच्चों में यह कमी 1 – 2 माह में ही होने लगती है।
जानवर का दूध पीने वाले शिशुओं में यह कमी जल्दी होने लगती है। 
पहले 3 साल में आयरन की कमी का बच्चे के व्यवहार और मानसिक विकास पर बुरा असर पड़ता है। यदि यह कमी समय पर पूरी नहीं हो तो दिमाग की शक्ति हमेशा के लिए थोड़ी कम हो जाती है। 
आयरन की कमी बुखार से होने वाले दौरों की सम्भावना को बढ़ा देती है। इसलिए इन बच्चों में खून की कमी का पता लगाने के लिए जरुरी जाँच करवायें व खून की कमी का इलाज़ करवायें। 
आयरन की कमी रोकने के लिए सभी शिशुओं को 6 माह की उम्र के बाद आयरन युक्त शिशु आहार देना चाहिये व शिशु रोग विशेषज्ञ की सलाह से आयरन टॉनिक दिलवायें। 

Fever prophylaxis:

  1. Thermometer
  2. Syp Crocin DS (5ml=240 mg) …… ml 4 times a day during febrile illness
  3. Syp Ibugesic (5ml=100mg) …. ml alternate with Crocin upto three times a day
  4. Midacip Spray …….. puffs if seizure > 5 minutes

Your child has reacted strongly to a fever by having a seizure. While these seizures can frighten parents, they usually will not harm your child. This information explains what to do if your child has a febrile seizure. 

What are febrile seizures?

Seizures (convulsions) are short and sudden jerking movements of the muscles that cannot be controlled. When these seizures are caused by a fever, they are called febrile seizures. 

What to do if your child is having a febrile seizure?

  • If your child is having a seizure, stay calm and take the following steps:
  • Keep your child away from sources of danger. Remove nearby objects that are sharp or hard. 
  • Do not hold your child down or try to stop his movements. If you can, roll your child gently on his side or roll his head to the side so that any fluids can drain out of his mouth.    
  • Make your child comfortable. Try to put something soft like a folded jacket under your child’s head. Remove any tight clothing, especially around your child’s neck. Remove glasses so they do not break. 
  • Do not try to put anything in your child’s mouth. This could cause choking or broken teeth. 
  • Your child’s doctor will want to know how long the seizure lasts. If you can, look at a clock or your watch to see when the seizure starts and ends. 
  • If the seizure lasts less than 5 minutes, take your child to the doctor or clinic right away. If the doctor’s office or clinic is not open, take your child to a hospital emergency department. The doctor needs to make sure your child does not have a serious illness. 
  • If the seizure lasts more than 5 minutes, call an ambulance right away. Your child may need more care than the doctor can provide in the office.  

   

What to expect after the seizure

Sometimes children are confused or drowsy after a seizure and need to sleep for a while. Do not wait until your child has returned to normal to seek medical attention. Do not give your child any water, food, or medicine until the seizure is over and he is fully alert. 

What to expect at the doctor’s office or hospital

The doctor will ask you to describe the seizure carefully, including how long it lasted and how your child looked and moved. It may help the doctor to know if the shaking could be stopped with gentle holding or pressure on a shaking body part, or if the jerking movements persisted. 

The doctor will examine your child. If the cause of the fever is known, and your child is not confused or unconscious, the doctor will not usually ask for any laboratory tests. However, if she suspects something else is wrong, she may order some tests. These will help to rule out any other possible causes of seizures. 

Treating your child’s fever

Fever may be caused by almost any childhood illness or infection. Often, febrile seizures happen just as your child’s temperature starts to rise. You might not even know yet that your child has a fever. Treating your child’s fever with medicine will not necessarily prevent a seizure or shorten the time it lasts, but it can help to make your child more comfortable. 

Do not try to give fever medicine while your child is having a seizure. Wait until the seizure is over. Do not put your child in the bathtub. 

Measuring your child’s temperature

If your child feels warm, check his temperature with a thermometer. A normal temperature is 37.5°C (99.5°F) when taken by mouth, or 38°C (100.4°F) when taken rectally. 

Medicine

Give your child acetaminophen (Tylenol, Tempra, Panadol) or ibuprofen (Advil, Motrin, Brufen) for fever. Read the instructions on the medicine bottle carefully to find out how much medicine to give and how often to give it. If you are not sure, check with your doctor or pharmacist. Do not give your child ASA (acetylsalicylic acid or Aspirin) unless a doctor tells you to. 

Clothing

Keep your child lightly dressed. Remove heavy bedclothes.

Febrile seizures are common. About five in 100 children will have at least one febrile seizure between the ages of six months and six years. About three in 10 of these children will have more than one febrile seizure. 

There is a strong genetic component to febrile seizures. Parents of a child with febrile seizures often had febrile seizures too, and siblings are also more likely to have them. 

Febrile seizures do not cause brain damage

A child’s appearance during a febrile seizure can be quite frightening for parents. However, as far as we know, brief seizures do not damage the brain or cause permanent changes in the brain. Most febrile seizures last only a few minutes, although they probably seem to go on much longer. Even if your child has a long febrile seizure, the risk of brain damage is low. 

Medicines to prevent febrile seizures

There are anti-seizure medicines (anticonvulsants or anti-epileptic drugs) that can prevent febrile seizures. These medicines do have side effects, and children who have febrile seizures do not usually need to take them. However, there might be special circumstances when your child’s doctor thinks that an anti-seizure medicine is needed. 

If your child often has febrile seizures, the doctor may give a short-acting anti-seizure medicine as a nasal spray. The doctor will explain how to care for your child and when you need to seek medical attention. 

You do not need to give your child special treatment

All children get sick sometimes, especially young children. Your child happens to react to fever in a drastic manner. Treat and protect your child the same way as any other normal, healthy child. Remember, fevers and seizures can start suddenly. If your child is under five years of age, make sure you stay close by when he is taking a bath. Do not leave your child alone in the bathtub. 

Febrile seizures usually go away on their own when the child is older. Febrile seizures do not necessarily mean that your child will have epilepsy later in life. Fewer than five in 100 children who have febrile seizures develop epilepsy. Epilepsy is a condition marked by repeated seizures without fever. 

Key points

  • Febrile seizures are episodes of uncontrollable jerking movements, caused by fever. They are common in children between the ages of six months and six years. 
  • During a febrile seizure, make your child comfortable and do not try to put anything in his mouth. Try to roll him onto his side or roll his head to one side. 
  • Take your child to the doctor after a febrile seizure. If the seizure lasts longer than five minutes, call an ambulance. 
  • Treating your child’s fever with medicine will not necessarily prevent seizures. 
  • If you have concerns or questions, please talk to your child’s doctor.